पाकिस्तान लंबे वक्त से बिजली के संकट से जूझ रहा है। पूरे देश में बिजली की कमी है, जबकि साल दर साल इसकी मांग (2.5 फीसदी से लेकर 5 फीसदी की दर से) बढ़ती जा रही है। ऐसे में इस देश के शासन के लिए बिजली की समस्या का समाधान अहम मुद्दों में शुमार है (Mustafa 2016)। पाकिस्तान के इस बिजली संकट की वजह से ही चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर (CPEC) के तहत शुरुआती चरणों की ऊर्जा परियोजनाओं को काफी प्राथमिकता दी जा रही है। इस पेपर का उद्देश्य कुछ ऊर्जा परियोजनाओं की प्रगति पर नज़र रखने के माध्यम से सीपीईसी की पहल के बारे में कुछ धारणाओं को स्पष्ट करना है। यह इन ऊर्जा परियोजनाओं का वर्तमान और भविष्य में चीन-पाकिस्तान सहयोग पर प्रभाव भी प्रस्तुत करता है।
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